जीवन की धारा
जीवन की धारा में कई लोग आये और कई चले गए!
कई लोगों से उमीदें बंधी ;
तो कई ने खिलौना समझ तोड़ डाला ।।
कई लोगों ने ख़ामोश रहकर भी सारी बातें कह दी ;
तो कई ने बहुत कुछ कहकर भी कुछ नहीं कहा ।।
कई लोगों ने दुनिया की सारी खुशिया दे दी तो कई ने उन पर ग्रहण लगा दिया ।।
जीवन की धारा में कई लोग आये और कई चले गए !
कई लोगो ने ज़िन्दगी को जिंदादिल्ली से जिना सिखाया ;
तो कई ने इसे दर्द भरी दास्ताँ बना दिया ।।
कई लोगों ने धूप में भी छावं का एहसाश कराया ;
तो कई की छावं भी काटें की तरह चुभीं ।।
कई लोगों ने कदमों की आहट भी पह्चान ली ;
तो कई ने देखकर भी अनदेखा किया ।।
जीवन की धारा में कई लोग आये और कई चले गए!
कई लोगो ने रिश्तों को आत्मियता से निभाया ;
तो कई ने दिखावटीपन दिखाया ।।
कई लोगो ने सारी ऊम्र साथ चलने का वादा किया ;
तो कई ने बीच मज़धार में ही दामंद छुड़ा लिया ।।
कई लोगो ने आखों में सूरमे की तरह समाया ;
तो कई ने नीर समझ बह जाने दिया ।।
जीवन की धारा में कई लोग आये और कई चले गए!
कई लोगो ने पूर्णिमा की चांदनी का एहसाश कराया ;
तो कई ने अमावस के काले साया का ।।
कई लोग ने चंद लम्हों में ही अपना बना लिया ;
तो कई ने समर्पण के बावजूद भी नहीं अपनाया ।।
कई लोगो ने इन नैनों में झील - सी- गहराई देखी ;
तो कई ने इन्हें बस नज़र का धोखा समझा ।।
जीवन की धारा में कई लोग आये और कई चले गए!
कई लोगो ने इस धारा में मझे अपनाया ;
तो कई ने बेगाना समझा ।।
जीवन की धारा में कई लोग आये और कई चले गए!
जीवन की धारा में कई लोग आये और कई चले गए!